कामयाब लोग कुछ अलग नही करते बल्कि उसी चीज़ को अलग तरीके से करते( The way of successful people)

सफलता का मूल मनुष्य की इच्छाशक्ति में समाहित होता है। समुद्र से मिलने की प्रबल अकांशु करने वाली नदी की भांति वह मनुष्य भी अपनी सफलता के लिए माल निकाल लेता है, जिसकी इच्छा शक्ति दृढ़ और बलवती होती है, उसके मार्ग में कोई रूकावट भाधा नहीं डाल सकती।संसार के सभी छोटे बड़े कार्य किए जा सकने के मध्यम शक्ति है। लेकिन वास्तविक शक्ति मनुष्य की इच्छाशक्ति है। इच्छा की शक्ति से ज्ञान शक्ति से से कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। दृढ़ आत्मविश्वास और अपनी काबिलियत से करोड़ों लोग अपने जीवन की दिशा बदलने में कामयाब हो गए।इस समूह में अपने बच्चों पर थोड़ा ध्यान देना चाहिए और एग्जाम के डर को निकालना चाहिए।
जैसे-जैसे  का समय पास आता जाता है, वैसे-वैसे पढ़ाई को ज्यादा से ज्यादा समय देने की जरूरत बढ़ने लगाती है | क्योंकि आख़िरी के महीनों में पूरा सिलेबस दोहराना पड़ता हैं ।
10 से 12 घंटो तक पढ़ाई करना पड़ सकता है | किसी भी परीक्षा के लिए लम्बे समय तक अध्ययन करना कठिन और तनावपूर्ण हो सकता है । कई बार तो छात्र बहुत कोशिशो के बाद 10 से 12 घंटे तक बैठते तो है पर पढ़ाई में अपना ध्यान केंद्रित नही कर पाते हैं।
* अपनी बॉडी क्लॉक को समझ कर पढ़ाई का सही वक्त सुनिश्चित करें।
हर इंसान की अलग-अलग बॉडी क्लॉक होती हैं | अगर इसे पढ़ाई से रिलेट करे तो आसान शब्दों में इसे इस तरह समझ सकते है कि 24 घंटो के समय में एक समय ऐसा होता है जब हमारी कार्यक्षमता चरम सीमा पर होती है | इस समय जब हम कोई भी काम करते हैं तो वो ज्यादा अच्छी तरह से और बेहतर तरीके से कर पाते है अपनी बॉडी क्लॉक की एनालिसिस करें ।
* रात को बनाये अगले पूरे दिन की योजना
छात्र सुबह उठ कर कोचिंग और स्कूल जाते हैं | कुछ ऑफिस जाने वाले लोग भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, उन्हें भी सुबह-सुबह ऑफिस जाना पड़ता हैं | ऐसे में अगर आप हर दिन कुछ भी बिना प्लानिंग के पढ़ाई करेंगे तो आपको कुछ भी हासिल नहीं होगा | इसलिये किसी भी काम को करने के लिये उचित प्लान सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम होता हैं।
* अध्ययन की तकनीकों का मिश्रण
कुछ लोग कहते है की सुबह जल्दी उठ कर और देर रात तक पढ़ाई करने के बाद भी समय से सिलेबस ख़त्म नहीं हो पा रहा हैं या उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है | तो उन लोगो को अध्ययन करने की तकनीक पर ध्यान देना चाहिये | आजकल व्यस्तता इतनी ज्यादा बड़ गयी है और सिर्फ नोट्स से आपको पढ़ाई करने का मौका नहीं मिल सकता | ऐसे में आप किसी टॉपिक को समझने के लिये YouTube का सहारा भी ले सकते है ।
* अध्ययन की अवधि का ख़ास ध्यान रखें
पढ़ाई करते समय या पढ़ाई का प्लान बनाते समय अध्ययन की अवधि का ध्यान ज़रूर रखें | कुछ लोग 1 से 2 घंटे तक आसानी से पढ़ाई कर लेते पर बहुत लोगों के लिये 1 घंटा भी लगातार पढ़ना मुश्किल होता हैं | इन लोगो के लिये जरूरी है कि पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक ले ।
* शारीरिक व्यायाम और मस्तिष्क को विकसित करने वाले आहार
अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है (या शुरू करने वाले हैं) तो चाय कॉफ़ी और फ़ास्ट फ़ूड को जितना जल्दी हो सके गुडबाय कर दीजिये | जैसा की हम जानते हैं, स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। अगर कोई व्यक्ति बीमार है या कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त है तो वह अपने मन को एकाग्र नहीं कर सकता और इसका सीधा प्रभाव उसकी परीक्षा की तैयारी पर पड़ेगा | इसलिए एकाग्रता में सुधार लाने के लिए शारीरिक व्यायाम और स्वस्थ आहार बहुत ज़रूरी है।
एवाकाडो, बेर, ब्रोकली, साबूत अनाज, मछली और कद्दू के बीज ये कुछ ऐसे भोजन के उदाहरण हैं जिन्हें खाने के बाद आपकी कार्य क्षमता पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा |
* ग्रेट पर नहीं बच्चे के सीखने पर ज़ोर दें
संज्ञान व्यवस्थित अनुभव का नाम है। प्रत्येक अनुभव संज्ञान में तब्दील नहीं होता है परन्तु संज्ञान के लिए अनुभव अनिवार्य है। बच्चे अपने अनुभवों को सूत्रबद्ध करके सार्थक ज्ञान की रचना कर सकते हैं। इन्द्रियगत अनुभवों की ज्ञान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों का अनुभव अवधारणाओं के माध्यम से संज्ञान में तब्दील होता है और भाषा के माध्यम से इसे ज्ञान के रूप में संजोया जाता है।
* बच्चों को किताबों का महत्व बताएं
भले ही आज के इंटरनेट फ्रेंडली वर्ल्ड में सीखने के लिए सब कुछ इंटरनेट पर मौजूद है लेकिन इन सब के बावजूद जीवन में पुस्तकों का महत्त्व आज भी बरकरार है क्योंकि किताबें बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हमारे सच्चे दोस्त का हर फर्ज़ अदा करती आयी है।
अगर आप अपना संपूर्ण विकास चाहते हैं तो उन किताबों, साहित्य को पढ़ें जो आपके भीतर सोचने की प्रवृत्ति पैदा करें। जो आपकी इमेजिनेशन पावर को और मजबूत करें। कोर्स की किताबें आपको टेक्निकल नॉलेज तो देती हैं लेकिन समाज को समझने के लिए एक अच्छे साहित्य को पढ़ना भी जरूरी है।
* इंस्पिरेशन एंड मोटिवेशन करें
दोस्तों Inspirational story केवल बच्चों के लिए ही नहीं है बल्कि हम सभी को  सफलता का एक वो मंत्र है जो हमें प्रेरणादायक संदेश और तथ्यों से सिखाती है।
                                       यदि हम अपने माइंड को बोर्ड की तरह मान लें और  टेढ़ी-मेढ़ी लकीरों को यदि रचनात्मक सोच की तरह मान ले तो हमें यह संदेश मिलता है कि जब तक हम अपने mind से Negative thinking को नहीं मिट आएंगे तब तक Best Message भी mind  में पहुंच कर भी Negative thinking जैसा बन जाएगा अतः अच्छी या Positive thought से inpirate होकर अपने आप को मोटिवेट करना चाहिए।
* बच्चों को पढ़ाई में रिवार्ड भी दें
जब बच्चे गलती करते हैं तो पेरेंट्स उन्हें रोकते-टोकते हैं, लेकिन जब वे अच्छा बिहेव कर रहे होते हैं या उनका कंडक्ट सही होता तब माता-पिता खुलकर उन्हें एप्रीशिएट नहीं करते। उन्हें यह नहीं कहते कि आप बहुत अच्छे बच्चे हैं, कभी कोई गलत काम नहीं करते। बेटा आप कितने डिसीप्लींड हैं। सबकी मदद करते हैं... सिर्फ गलती पर टोकना पेरेंटिंग नहीं है। सही करने पर बच्चों का उत्साहवर्धन भी ज़रूरी है। इसका असर उनके व्यक्तित्व, उनकी सोच और पूरे जीवन पर पड़ता है।'
* बच्चे को डिस्ट्रेक्शन से दूर रखें
आप कितनी अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं यह आपके आस-पास के माहौल पर बहुत निर्भर करता है. इसीलिए अपनी पढ़ाई की जगह का चुनाव करना बहुत आवश्यक है.

अपने घर में एक शांत वातावरण वाला रूम ढूंढें.

स्टडी वाले रूम में ज्यादा गर्मी या ज्यादा ठंड न हो.

स्टडी के लिए एक चेयर टेवल रखें.

किताबें रखने को अच्छे से रखने की सुविधा हो.

देखा गया है कुछ लोग पढ़ाई करते वक्त गाने सुनते हैं तो ख्याल रहे गाने उतने ही तेज हो जितने में आपका मन विचलित न हो.

सभी ध्यान हटाने वाली चीजों को करें दूर- आज के समय में खास कर अगर बात करें एक स्टूडेंट लाइफ की तो उनके लिए मोबाइल फोन,सोशल मीडिया व गेमिंग कंसोल से लेकर टीवी तक कई ऐसी चीजें हैं. जिनसे एक स्टूडेंट को दूरी बना कर रखनी चाहिए. 
हर व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके विचारों पर निर्भर करता है, वहीं अच्छे विचार व्यक्ति को विकास के पथ पर अग्रसर करते हैं।

कुछ विचार ऐसे होते हैं, जिन्हें पढ़कर न सिर्फ व्यक्ति को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है, बल्कि अपने नकारात्मक व्यक्तित्व को भी सकारात्मक बनाने में मद्द मिलती है। वहीं महान पुरुषों द्वारा कहे गए इस तरह के सुंदर एवं अच्छे विचारों को जो भी व्यक्ति अपनी जिंदगी में सच्चाई के साथ अनुसरण करता है।