सफलता की स्वर्णिम नीतियां (Golden policies of Success)

सफलता पाने के लिए हम और आप खूब मेहनत करते है। दिन रात एक कर अपने लक्ष्य को साधने का प्रयास करते है। कई बार हम लक्ष्य के बेहद करीब होते है लेकिन अगले ही पल उससे कोसों दूर हो जाते है। सफलता को पाते-पाते उससे दूर हो जाना अंदर से तोड़ने का काम करता है लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि हर असफलता हमें सफलता के करीब ले जाती है। सफलता पाने के लिए जीवन में जिन बातों को अपनाना चाहिए, उससे कहीं ज्यादा जरूरी है कि कुछ बातों को अपने जीवन से निकालना।  सफलता को पाने के लिए ऐसी कई बातें है, जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, जबकि उन बातों को सही तरह से समझकर ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।
सफलता किसी उद्देश्य की प्राप्ति है या फिर आत्म संतुष्टि। कई बार हम अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इतने लालयित रहते है कि आत्मचिंतन की तरफ ध्यान ही नहीं देते।
जीवन में सफलता की चाहत रखने वाले लोगों के लिए महान अर्थशास्त्री रहे आचार्य चाणक्य की नीतियां काफी कारगर साबित होती हैं. सफलता के लिए सभी मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें कभी कभी हार का सामना करना पड़ता है। तीन कारगर नीतियां इस प्रकार हैं:
प्रथम नीति
मानव को कोशिश नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि जब तक मनुष्य साहस नहीं दिखाता तक जीवन के रेस में जीत हासिल करना उसके लिए मुश्किल होता है. चाणक्य के नीतियों पर चलकर सम्राट बनने वाले चंद्रगुप्त मौर्य ने एक बार आचार्य चाणक्य से पूछा कि किस्मत तो पहले ही लिखी जा चुकी है तो फिर कुछ भी क्यों किया जाए, जो होना होगा हो जाएगा. इसके जवाब में आचार्य चाणक्य ने कहा कि क्या पता किस्मत में लिखा हो कि कोशिश करने से सफलता मिलेगी. इसलिए प्रयास कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
दूसरी नीति
राशि और भाग्य के बजाय अपने कर्मों पर विश्वास रखना चाहिए. राम और रावण, दोनों एक ही राशि के थे लेकिन उन्हें परिणाम उनके कर्मों के हिसाब से मिला. आचार्य चाणक्य के मुताबिक किसी भी इंसान के खराब समय में उसका मजाक नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि समय बदलते देर नहीं लगती. वो बताते हैं कि समय के साथ कोयला भी धीरे-धीरे हीरे में बदल जाता है।
तीसरी नीति
सफल जीवन व्यतीत करने की चाहत रखने वाले व्यक्ति को बहरा हो जाना चाहिए. उसे संसार की किसी भी ऐसी बात पर ध्यान नहीं देना चाहिेए जिससे उसका मनोबल नीचे हो जाए. कुछ न करने वाले व्यक्ति हमेशा मनोबल गिराने का काम करते हैं. वो कहते हैं कि व्यक्ति को किसी और से खुद की तुलना कभी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि सभी का समय-समय अलग होता है. ठीक वैसे ही जैसे सूर्य और चंद्रमा भी अलग-अलग समय पर चमकते हैं।
सही मायनों में सफलता का अर्थ बेहतर इंसान बनने से भी है। आपको कुछ बनने के लिए सबसे पहले इंसान बने रहना होगा। इसलिए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मानवता के पाठ को कभी नहीं भूलना चाहिए।
इस आर्टिकल में हमने आपको सफलता पाने के लिए कुछ उपायों के बारे में बताया। यदि आपको यह उपाय पसंद आए तो इन्हें जरूर अपने जीवन में अपनाएं। हमेशा इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि कड़ी मेहनत और लगन से प्राप्त की गई सफलता हासिल करने से आपको कोई नहीं रोक सकता।