ग्रीष्म अवकाश- एक अवसर, एक मौका

ग्रीष्म अवकाश-  एक अवसर, एक मौका 

गर्मी की छुट्टियां

अवकाश शब्द सुनते ही हम सबके चेहरे पर एक अलग रौनक और मुस्कान आती है। हर किसी को अवकाश बहुत प्यार लगती है । हफ्ते के अंत में सबको अपने कार्य से आज़ादी मिलती है । जहां बड़े लोगों को अवकाश का इतना आनंद आता है तो स्कूल में पढ़ ले बच्चों को के लिए तो  ये एक अवसर की तरह है । ग्रीष्म अवकाश आने के बाद बच्चों का मन प्रफुलित हो जाता हैं । 

ग्रीष्मकालीन समय बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है। यह उनके लिए काफी खुशी और मनोरंजन का समय होता है। इन छुट्टियों में बच्चे वो सब कर सकते है जिसमें वे रुचि रखते हैं। वे छुट्टियों के माध्यम से अपने माता-पिता, सबसे अच्छे दोस्त, पड़ोसियों आदि के साथ आनंद ले सकते हैं।

गर्मी की छुट्टी की आवश्यकता

गर्मी की छुट्टियों आमतौर पर छात्रों के जीवन की सबसे खुशी भरी अवधि होती है। यह उनके लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि उन्हें कुछ समय अपने दैनिक स्कूल कार्यक्रमों से आराम करने का समय मिलता है। गर्मी की छुट्टियों की अवधि हर वर्ष गर्मियों के मौसम में 45 दिनों की कर दी गयी है। यह हर साल मई के महीने के तीसरे सप्ताह से शुरू होती है और जून महीने के आखिरी सप्ताह के आखिरी दिन समाप्त होती है।

इसलिए उन्हें खुद को रिफ्रेश रखने के लिए अवकाश की जरूरत पड़ती है। लेकिन गर्मियों की छुट्टी का इस समय सिर्फ मनोरंजन करके गवाने का ही नहीं होता। बल्कि एक बड़े स्तर पर बच्चों में निखार लाने का भी होता है। इस गर्मी के दौरान वह घर पर ही रह कर काफी गेम्स खेल सकते हैं जो, उन्हें मानसिक तौर पर विकसित करें जैसे कि चैस लूडो सुदकु , अखबारों में दिए गए पजल्स, रिडल्स सॉल्व करके। इसकी आदत माता-पिता को बच्चों में बचपन से ही विकसित कर देनी चाहिए।

उद्देश्य

इसका उद्देश्य ग्रीष्मकाल में गर्मी की छूटियों में गर्मी से आराम पाने के साथ-साथ और भी कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, इससे छात्रों को अंतिम परीक्षा के बाद एक लंबा ब्रेक मिल जाता हैं। वार्षिक परीक्षाओं के खत्म होने के बाद छात्र थका हुए महसूस करते हैं और अध्ययन में रुचि नहीं लेते इसलिए, उन्हें अध्ययन के लंबे एक वर्ष बाद अपने स्वास्थ्य एवं व्यवहार्यता को फिर से सुधारने के लिए आराम की आवश्यकता होती है।

गर्मी की छुट्टियों का एक अन्य उद्देश्य छात्रों को गर्मी के मौसम की असहनीय गर्मी से थोड़ा आराम दिलाना है। अत्यधिक गर्मी हमारे स्वास्थ को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए गर्मी की छुट्टियां उन्हें अध्ययन और गर्मी से ब्रेक देने का सबसे अच्छा विकल्प है। इसका उद्देश्य छात्रों को कमजोर विषयों में रिकवर होने में मदद करना है। गर्मी की छुट्टियों के दौरान, छात्रों को नए स्थानों पर जाने, उनके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने, स्कूल के प्रोजेक्ट वर्क के लिए समय प्राप्त करने का भी अवसर मिलता है।

 

ग्रीष्मकालीन अवकाश का समय बच्चों के लिए सबसे अहम है। बच्चों के लिए मनोरंजन अवसर होता है। ग्रीष्मकालीन के अवकाश बच्चों के लिए बहुत मायने रखती है क्योंकि यह उनको रोज स्कूल जाने के कार्यक्रम से आराम दिलाती है। ग्रीष्मकालीन अवकाश देने का सबसे महत्वपूर्ण कारण है एग्जाम्स की टेंशन से आराम। परीक्षा खत्म होने के बाद बच्चे काफी थका हुआ महसूस करते हैं।

अवकाश शब्द किसी के भी मन को उत्साह से भर देता है। यह हमें मस्ती खेलकूद करने के अवसर दिलाती है। जिसका स्कूल के बच्चों में सबसे ज्यादा उत्साह दिखता है। जहां 5 या 6 दिन लगातार पढ़ने के बाद मैं छुट्टी के दिन को एक अफसर की तरह देखते हैं जिसमें वह अपनी सारी शरारती कर सकें। वही ग्रीष्मकालीन अवकाश तो उनके लिए एक वरदान जैसा होता है। बचपन में हम सभी कभी ना कभी स्कूल जाने से कतराते हैं। आज छुट्टी का नाम आने से हम सबके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है । वही लगातार दो महीने की छुट्टियां बच्चों के अंदर इतना जोश भर देती है कि वह नई -नई शैतानियां करने लगते हैं।

लेकिन ये अवकाश इतनी लम्बी होती है की बच्चें कुछ समय के बाद उब जाते हैं । घुमने फिरने तक तो ठीक है लेकिन इन ग्रीष्म अवकाश का सदुपयोग करना जरूरी है जिससे वो कुछ नया सीख सखे । 

दुनिया में सबसे मूल्यवान काम यह है कि आप समय का सदुपयोग करें और ग्रीष्म अवकाश आपको सबसे अच्छा अवसर प्रदान करता है। वैसे मनुष्य की प्रवृत्ति होती है कि वह अक्षर खाली समय का लाभ उठाएं। बच्चों की ग्रीष्मावकाश आने से पहले अभिभावक को पहले ही सोच लेना चाहिए बच्चों की छुट्टियों का उपयोग कैसे करेंगे? बच्चे इधर-उधर टहलते हैं जिससे वह अपना मनोरंजन कर सके उसके लिए वह मोबाइल गेम्स कंप्यूटर गेम्स जैसी चीजों का सहारा लेते हैं। 2 महीने के उपरांत खाली बैठने बोर होने लगते हैं। इसमें सबसे बड़ा योगदान अभिभावकों का है जो बच्चों का ध्यान रचनात्मक कार्यों की तरफ आकर्षित कर सकते हैं। हर बच्चे की अपनी रुचि होती है जो समय के साथ अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अफसर ढूंढते हैं। उनके अंदर प्रतिभाओं का असीम भंडार होता है जिसे बाहर जाना बहुत जरूरी है। उनकी रूचि के अनुसार जैसे खेलकूद, म्यूजिक, आदि को विकसित करने की और ध्यान देना चाहिए। उन्हें जूडो कराटे जिमनास्टिक जैसी कलात्मक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिनसे उनकी छिपी हुई प्रतिभा बाहर निकले। साथ ही उनमें आत्मविश्वास पैदा हो। बच्चों को ग्रीष्म अवकाश मैं व्यस्त रखना बहुत जरूरी होता है। सेवानिवृत्त होते हैं साथियों का मनोवैज्ञानिक विकास भी होता है। डांस और म्यूजिक के द्वारा बच्चे प्रसंता का मूल मंत्र सीखते हैं। डांस और म्यूजिक का अर्थ ही होता है आनंद। ग्रीष्मकालीन अवकाश में बच्चों के पास पूरा मौका होता है कि वह अपने आप को बहुमुखी प्रतिभा के धनी बन सके। बच्चे पूरे अवकाश के समय नई-नई शैतानियां करने लगते हैं जो कभी कबार उचित नहीं होता। बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार प्रोत्साहित करना जरूरी है। जिससे वह अपनी प्रतिभा पर निखार ला सकें। इसमें माता-पिता का सबसे अहम रोल है जिसमें उन्हें बच्चों को समय का सदुपयोग कैसे करें सिखाना आवश्यक है। समय कैसी बहुमूल्य चीज है जिसके निकल जाने के बाद इंसान सिर्फ पछतावा करता है। छोटी उम्र में बच्चों को अधिक चीजें सिखाना आसान होता है। इस प्रकार ग्रीष्म अवकाश का सदुपयोग करके वह अपना जीवन सफल बना सकते हैं।

इसलिए उन्हें खुद को रिफ्रेश रखने के लिए अवकाश की जरूरत पड़ती है। लेकिन गर्मियों की छुट्टी का इस समय सिर्फ मनोरंजन करके गवाने का ही नहीं होता। बल्कि एक बड़े स्तर पर बच्चों में निखार लाने का भी होता है। इस गर्मी के दौरान वह घर पर ही रह कर काफी गेम्स खेल सकते हैं जो, उन्हें मानसिक तौर पर विकसित करें जैसे कि चैस लूडो सुदकु , अखबारों में दिए गए पजल्स, रिडल्स सॉल्व करके। इसकी आदत माता-पिता को बच्चों में बचपन से ही विकसित कर देनी चाहिए।

गर्मी की छुट्टियों में अगर आप बाहर नहीं भी जाएं तो अपने परिवार के साथ बैठकर अवकाश का आनंद उठा सकते है । साथ ही शाम के समय बच्चों को परंपरागत खेल जैसे पिट्ठू ,खो-खो ,कबड्डी छुपन -छुपाई जैसे गेम खिला कर एक्टिव रख सकते हैं। जिससे वह कुछ नया तो सीखेंगे ही साथ ही नए लोगों से भी जुड़ पाएंगे जो उनकी सोशल इंटरेक्शन स्किल्स में काफी लाभदायक होगा। साथी आजकल इंटरनेट के माध्यम से बच्चे अपने यूट्यूब चैनल बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं जिससे वह समय के साथ कैमरे के साथ फ्रेंडली हो जाते हैं। छुट्टियों के समय हम बच्चों कोई मीनिंग फुल किताब पढ़ा सकते हैं। जिससे उन्हें नॉलेज मिले या कोई ऐसी मूवी दिखा सकते हैं कुछ नया सीखे और बोर भी ना हो। खेल के रूप में हम क्रिकेट फुटबॉल हॉकी आदि जैसे खेल खेल सकते हैं साथ ही ऑप्शन है जो आपको मानसिक रूप से और शांत भी रखता है

इन्हें आजमायें

1. ऑनलाइन कोर्स में एडमिशन लें
2. नई भाषा सीखें
3. ज्यादा एक्सपोजर देने वाली एक्टिविटी अपनाएं
4. हॉबी क्लास जॉइन करें
5. अपने से छोटे बच्चों को पढ़ाएं
6. कैम्पिंग में जाएं
7. योग क्लास ज्वाइन करें
8. नई किताबें पढ़ें
9. गार्डनिंग सीखें
10. मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करें