समय बिताने के लिए करना है कुछ काम....

मम्मी मुझे डांस नहीं पेंटिंग सीखनी है' बेटा बोला। मम्मी का जवाब आया, 'नहीं बेटा आजकल डांस सीखने के फायदे हैं। डांस सीखो डांस।' इन दिनों इस तरह के जुमले आम हो चले हैं। अभिभावक लाख कहें कि वह बच्चों को उनकी रुचि के मुताबिक ही आगे बढ़ाने में मदद करते हैं, लेकिन यह बात भी सच है कि वह उन्हें ऐसे क्षेत्र की तरफ बढ़ते देखना चाहते हैं, जहां सफलता की अपार संभावनाएं हों। इस वर्ष भी समर वेकेशन के दिन नजदीक हैं और अभिभावकों ने अपने लाड़लों के लिए समर कैंप तलाशने शुरू कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि समर कैंप बच्चों की रुचि को विकसित करने का जरिया है, इसलिए उन पर कोई चीज थोपे नहीं।

समर कैंप नहीं वोकेशनल सीख का जरिया

शहर के अधिकांश स्कूलों में समर वेकेशन के साथ ही समर कैंप जोर-शोर से शुरू हो जाता है। इसके लिए कुछ रुपये देकर अभिभावक पंजीकरण भी करवा लेते हैं, लेकिन शायद कम ही अभिभावक समझ पाते हैं कि बच्चों को केवल समर कैंप में डाल देना ही काफी नहीं है। इसमें उनकी रुचि का ध्यान रखना भी जरूरी है। समर कैंप में जाने वाले बच्चों से कई बार अभिभावक उम्मीद भी पाल बैठते हैं। उनको समझना चाहिए कि बच्चा वहां ट्रेनिंग के लिए नहीं जा रहा। वह वहां अपनी रुचि को समझने के लिए जा रहा है। खेतान पब्लिक स्कूल की शिक्षक बिंदु का कहना है कि समर कैंप में अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों की रुचि जानने के लिए भेजते हैं। वहीं 50 फीसदी अभिभावक ऐसे भी होते हैं, जो बच्चे पर समर कैंप का टैग लगाकर यह कहने से भी बाज नहीं आते कि हमारा बच्चा फलां काम में माहिर है। उनका कहना है कि दो महीने के अंदर किसी भी बच्चे का किसी विद्या में पारंगत होना संभव नहीं है।

स्वाभाविक रुचि को होने दे विकसित : अधिकांश अभिभावक ये सोच लेते हैं कि बच्चा क्रिकेट अच्छा खेलता है, तो वह सचिन की राह पकड़ लेगा, या फिर गाने या डांस में अच्छा है तो वे उसे रिएलटी शो के मुफीद मान लेते हैं। इन सब धारणाओं को अभिभावक समर वेकेशन के दौरान उनके समर कैंप पर भी लागू करने के प्रयास में रहते हैं। सेंट्रल स्कूल में पढ़ने वाली सात साल की इशा डांस अच्छा कर लेती है और पेटिंग भी अच्छी करती है। ईशा बताती है कि उसकी मम्मी ने कहा कि डांस सीखो, इसलिए उन्होंने पेंटिंग के लिए फॉर्म नहीं लिया। नौ साल की अभिज्ञा कहती है कि उसका समर वेकेशन में डांस सीखने का मन है, लेकिन पापा-मम्मी कहते हैं कि तुम गाना अच्छा गाती हो। ऐसे में गाना सीखना तुम्हारे लिए बेहतर रहेगा।

तारे जमीं पर लाने हैं तो तो बच्चे को समझे :  अभिभावकों यह समझना चाहिए कि बच्चे की छुट्यिों का बेहतर इस्तेमाल कर सकें। इसमें उसकी रुचि को भी खेल-खेल में विकसित किया जा सकें। उसे बोर होने से बचाया जा सके, न कि समर कैंप की वजह से उस पर कुछ सीखने का नाहक दबाव हो।
 शोध कहता है कि किसी काम में बेहतरीन सफलता पाने के लिए कम से कम एक हजार घंटे का समय लगता है।y

रुचि को दें प्राथमिकता

बच्चा रचनात्मक है तो उसे हैंडी क्राफ्ट, पेंटिंग और आर्ट से संबंधित कैंप में डालें। अभिनय क्लास, डांस क्लास, संगीत क्लास और थियेटर भी अच्छे विकल्प हैं। घुड़सवारी, तीरदांजी, तैराकी, क्रिकेट जैसे विकल्प भी बच्चे के व्यक्तित्व का विकास करने में सहायक होते हैं।