सफल भविष्य के लिए विषयों का चयन कैसे करें

यदि आपने भी हाल ही में कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा दी है तो ये समय आपके लिए काफी तनाव भरा होगा। 10वीं के बाद कौन सा विषय चुनें, स्ट्रीम क्या होगा, ऐसे सवालों को लेकर बच्चे अक्सर परेशान रहते हैं। कक्षा 10वीं के बाद सही स्ट्रीम का चयन करना एक स्कूली छात्र के लिए सबसे कठिन निर्णय में से एक है। अगर आप भी कंफ्यूज हैं तो ये आर्टिकल आपकी मदद कर सकता है।

यह फैसला बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि यही आपके भविष्य की नींव रखता है। यह फैसला छात्रों को बहुत सोच-समझकर ही लेना चाहिए क्योंकि इससे कई मायनों में करियर की दिशा तय हो जाती है। ऐसे में सबसे जरूरी होता है कि तीनों स्ट्रीम को समझिए ।
साइंस में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी/मैथ्स जैसे विषय होते हैं। इससे इंजीनियरिंग, मेडिसिन, रिसर्च जैसे क्षेत्रों में करियर बनता है।

आर्ट्स में लिटरेचर, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलॉजी जैसे विषय होते हैं। इससे पत्रकारिता, वकालत, समाज सेवा, कला जैसे क्षेत्रों में जा सकते हैं।

कॉमर्स में अकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, बिज़नेस स्टडीज जैसे विषय होते हैं। इससे कॉमर्स, फाइनेंस, बैंकिंग, मैनेजमेंट, बिज़नेस जैसे क्षेत्रों में करियर बनता है।

विषय चुनने के लिए, आपको पहले यह तय करना होगा कि आप किस क्षेत्र में रुचि रखते हैं।  अंततः, आपको अपनी रुचियों और लक्ष्यों के आधार पर एक विषय का चयन करना चाहिए जो आपको सबसे अधिक प्रेरित करे। 
यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं: 

अपनी क्षमता के आधार पर स्ट्रीम का चुनाव करें :
कोई भी स्ट्रीम चुनने से पहले ये देखें कि आपको कौन सा विषय पढ़ने में अच्छा लगता है। जो भी आपका पसंदीदा विषय हो उससे संबंधित स्ट्रीम चुनें। पसंद के साथ साथ ये भी देखें कि आप किस विषय को पढ़ने में सक्षम हैं। यदि आपको समझ नहीं आ रहा है तो रिजल्ट में सभी विषयों के अंक देख सकते हैं। हालांकि, सिर्फ मार्क्स के आधार पर विषय नहीं चुना जाना चाहिए। ऐसे में आप तीनों बिंदुओं पर ध्यान दें। 

अपने शिक्षकों या एक्सपर्ट से बात करें:
यदि विषय चुनने में ज्यादा परेशानी आ रही है तो आप अपने शिक्षक और एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं। आप किसी करियर काउंसलर से हेल्प ले सकते हैं। नहीं तो आप अपने शिक्षक से पूछ सकते हैं। जिन शिक्षकों ने आपको पढ़ाया है, वे आपकी क्षमता को अच्छे से पहचानते हैं। ऐसे में वे आपको बेहतर विकल्प चुनने में मदद करेंगे। 

अपने माता-पिता से बात करें:
आपके माता-पिता आपको विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी दे सकते हैं और आपकी रुचियों के आधार पर सुझाव दे सकते हैं।

विभिन्न विषयों के बारे में खोज करें:
आप इंटरनेट या पुस्तकालय पर विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी खोज सकते हैं।

विषयों के बारे में सोचें:
आपको विभिन्न विषयों के बारे में सोचकर यह तय करना चाहिए कि कौन सा विषय आपको सबसे अधिक प्रेरित करता है।

एक सूची बनाएं:
अपनी रुचियों और लक्ष्यों के आधार पर, आप विभिन्न विषयों की सूची बना सकते हैं और फिर उनमें से एक का चयन कर सकते हैं।

दबाव में फैसला न लें: 
अक्सर हम ऐसा देखते हैं कि स्टूडेंट्स अपने माता-पिता के दबाव में या अन्य तरह के प्रेशर में विषय चुनने का फैसला लेते हैं। ऐसे गलती आप भी न करें और विषय वही चुनें जिसमें आपकी रूचि हो। सामाजिक दबावों के बजाय अपनी अंदर की प्रेरणा से अपने लिए स्ट्रीम का चुनाव करना चाहिए। 

अपने निर्णय पर विचार करें:
एक बार जब आप एक विषय चुन लेते हैं, तो आपको अपने निर्णय पर विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह आपके लिए सही है।

इंटरमीडिएट स्ट्रीम चुनना जीवन भर का फैसला नहीं है। कई संस्थान बाद में स्ट्रीम बदलने का मौका भी देते हैं। अपने मन में बदलाव को स्वीकार करें, नए मौकों को पहचानें।

कुल मिलाकर, स्ट्रीम चुनना एक अहम फैसला है। अपनी रुचि, क्षमता और लक्ष्यों को ध्यान में रखकर ही यह फैसला लें। खुले मन से सोचें, सलाह लें और आगे बढ़ें।