सोचना सीखो Learn Thinking)
“बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, सबसे आगे सोचो, विचारों पर किसी का भी एकाधिकार नहीं है। – धीरूभाई अंबानी / Dhirubhai Ambani
कुछ नया करके चीजों को बेहतर बनाने की प्रक्रिया नवप्रवृत्ति है। आज की युवा पीढ़ी न सिर्फ नया करने में विश्वास रखती है। अपितु, इसी तरीके से काम भी करती है और सफल भी होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मनुष्य द्वारा अपने मस्तिष्क का केवल दस प्रतिशत अंश ही प्रयोग किया जाता है। मन के इस विशाल भंडार गृह का यदि समुचित व नए तरीके से सद्प्रयोग किया जाए, तो नए नए समाधान हाथों हाथों प्रस्तुत हो जाते हैं।
नया करने की भावना प्रत्येक व्यक्ति में रहती है। यदि उसे उभारकर सक्रिय बना दिया जाए, तो ¨जदगी में न सिर्फ प्रसन्नता एवं कामयाबी की प्रतिशत बढ़ सकती है, बल्कि व्यक्ति की ¨जदगी भी सफल हो जाती है। अब्राहम ¨लकन बचपन में बहुत निर्धन थे, लेकिन विपरीत परिस्थितियों से हार मान कर हिम्मत खोने वालों में वह नहीं थे। वह कुछ न कुछ नवीन करते रहते थे। उन्हें विश्वास था कि वह अपने संकल्प, बुद्धि, आत्मबल और कुछ न कुछ नया करने के कारण सब कुछ पा सकते हैं। उन्हें पढ़ने का शौक था पर वह पुस्तकें खरीदने में असमर्थ थे। जब उन्हें पता चलता है कि किसी व्यक्ति के पास पुस्तक है, तो वह तुरंत उसके पास पहुंच जाते और उसका काम करने के बदले पुस्तक पढ़ने का अधिकार प्राप्त कर लेते थे। पुस्तकों से नई बातें व नए विचार पढ़कर उनमें जोश और आत्म विश्वास का संचार हो जाता था। थॉमस अल्वा एडीसन ने बिजली के आविष्कार के लिए लगभग लगभग सात सौ नए नए तरीके ढूंढे। जो मनुष्य नया और अलग करने का जज्बा रखता है। वह किसी नए तथ्य या आविष्कार की खोज करके संसार में अपना नाम कर लेता है, किन्तु नया और अलग करने की शुरुवात में मनुष्य को असफलता, धन हानि, समाज के प्रश्नों आदि का सामना करना पड़ता है। चार्ली चैप्लिन में जीवन के अंत तक नई चीजें सीखने की उमंग थी। वह कहते थे मै स्वयं दर्शकों के बीच बैठकर देखता हूं कि उन्हें कहां मेरी गलती लगी? मै लगातार और हर बार नया सीखता हूं। उनकी नवाचार की आदत ने उन्हें आज तक लोगों के बीच जीवित रखा हुआ है। जब हम कुछ नया करने की सोचते हैं, तो हमारे ज्ञान में भी वृद्धि होती है। हमारा विकास होता चला जाता है, हम प्रगति की ओर अग्रसर होते रहते हैं। अहंकार व्यक्ति को गिराता है। सीखने की इच्छा व्यक्ति को कामयाबी की सीढि़यों पर चढ़ाती है। लगातार सीखने से व्यक्ति चुनौतियों का मजबूती से मुकाबला करता है। प्रतिभा, धन और अन्य विशेषताएं सभी को समान रूप से नहीं मिलती, लेकिन लगातार सीखने की लगन हर व्यक्ति को सफल प्रेरक और कामयाब बना सकती है। हम अनुभव से सीखते हैं। कुछ आवश्यकता भी हमें नए अविष्कार व खोज करने के लिए प्रेरित करती है। हमें किसी चीज की जरूरत पड़ती है, तो हम उस क्षेत्र में नई खोज के लिए तत्पर होते हैं। आग के अविष्कार के कदाचित पेट की ज्वाला की प्रेरणा एक कारण रही। अब कल्पना कीजिए उस आदमी की जिसका पेट भरा है, जिसका तन ढका है, लेकिन जब वह खुले आकाश के नीचे सोया हुआ। रात के जगमगाते तारों को देखता है, तो उसको केबल इसलिए नींद नहीं आती, क्योंकि वह यह जानने के लिए परेशान है कि आखिर यह मोती भरा थाल क्या है? मित्रों जीवन में हर चीज को प्राप्त करना संभव है यदि मनुष्य उसे प्राप्त करने की ठान ले। राजा ब्रूस शत्रुओं से हार कर एक जंगली गुफा में जा छिपा। गुफा में लेटा वह सोच रहा था। यदि में आत्महत्या कर लूं, तो अच्छा हो, तभी उसे दीवार पर चढ़ती मकड़ी दिखाई दी। मकड़ी बार बार ऊपर चढ़ने का प्रयास करती। किन्तु, वह सफल न होती। उसने देखा कि बार बार प्रयास करने पर वह दीवार पर चढ़ गई। ब्रूस सोचने लगा छोटी सी मकड़ी ने हिम्मत नहीं हारी। उसने अपनी इच्छा शक्ति से मनवांछित फल पा लिया। मै भी यदि इच्छा शक्ति से जुड़ा रहूं, तो अपने राज्य को पुन: प्राप्त क्यों नहीं कर सकता। यदि हममें तमन्ना और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो दुनियां मुट्ठी में कर सकते हो।
हौंसले बुलंद रखिए मंजिलें मकसूद के तेज हवाओं में भी चिराग जला करते हैं।
रात कितनी भी लंबी हो दुखों की सुबह के स्वप्न उसी में पला करते हैं।।