7 वंडर्स ऑफ वर्ल्ड
दुनियां में प्रकृति ने इतना रंग घोला है कि इंसान में भी इसे और सुन्दर बनाने की ललक पैदा हो गई. कभी अपनी याद के लिए तो कभी कला को समर्पण करने के लिए तो कभी किसी अन्य वजह से इंसान ने ऐसी कई रचनाएं की हैं जिनसे यह दुनिया और भी खूबसूरत बन गई है.
संसार में यूं तो इंसान द्वारा बनाई गई हजारों ऐसी कृतियां हैं जिन्हें देख आप अंचभे में पड़ जाएंगे लेकिन दुनियां के सात अजूबों की बात ही अलग है. अपनी शिल्प कला, वास्तु कला और भवन निर्माण कला के लिए दुनियां के सात अजूबे हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं.
आपने सेवन वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड के बारे में तो सुना ही होगा। भारत के आगरा शहर में मौजूद ताजमहल भी दुनिया के इन 7 अजूबों में आता है। वैसे आपने कभी सोचा है कि सात अजूबों को 7 वंडर्स में क्यों शामिल किया गया है? अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको इन सात अजूबों की कुछ दिलचस्प बातों के बारे में बताते हैं, जिनकी वजह से ये इस लिस्ट में शामिल हैं।
ताज महल
यमुना नदी के तट पर स्थित, ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी सबसे प्यारी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। हाथी के दांत जैसी सफेद ये संरचना, दुनियाभर से कई प्रशंसकों का दिल खुश कर देती है। प्यार का प्रतीक ताज महल, जिसकी सुंदरता सूर्योदय के दौरान और पूर्णिमा की रात को और अधिक आकर्षक लगती है। लगभग 20000 कारीगरों की कुशलता से निर्मित होने की वजह से ये अजूबा दुनिया के 7 अजूबों में शामिल है। इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो हम नहीं जानते, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि कोई भी इस संरचना को फिर से न बनवा पाए, इसलिए कारीगरों के हाथ कटवा दिए गए थे। एक और दिलचस्प बात तो ये है कि निर्माण सामग्री को साइट पर ले जाने के लिए लगभग 1000 हाथियों का उपयोग किया गया था।
ग्रेट वॉल ऑफ चाइना
विन राजवंश के सम्राट किन शी हुआंग के शासन के अंडर निर्मित ऑरिजनल वॉल को पूरा करने में लगभग 20 साल लगे थे। 21,196 किलोमीटर लंबी इस दीवार से आप चीन का खूबसूरत नजारा, पठार और चीन की खूबसूरती को देख सकते हैं। इस दीवार का निर्माण चीनी साम्राज्य को खानाबदोश समूहों के हमलों और आक्रमणों से बचाने के लिए किया गया था। आपको शायद ये बात जानकार हैरानी हो, लेकिन इस संरचना को पृथ्वी पर सबसे लंबा कब्रिस्तान भी माना जाता है? इसे बनाने में दस लाख से अधिक लोग मारे गए और पुरातत्वविदों ने दीवार के कुछ हिस्सों के नीचे दबे हुए मानव अवशेष पाए हैं।
क्राइस्ट द रिडीमर
क्राइस्ट द रिडीमर एक 125 फीट लंबी मूर्ति है जिसे हेटर दा सिल्वा कोस्टा द्वारा डिजाइन किया गया है। ब्राजील में ईसाइयों के भगवान की मूर्ति की ऊंचाई 98 फीट है। चूंकि मूर्ति एक पहाड़ के ऊपर है, इसलिए इसका बिजली के चपेट में आने का खतरा बना रहता है, वैसे साल में लगभग तीन से चार बार इस मूर्ती से टकरा भी जाती है। 2014 में फीफा विश्व कप से पहले, बिजली गिरने से मूर्ति का एक अंगूठा टूट गया था। साथ ही, यह संरचना ऑरिजनल रूप से ब्राज़ील में नहीं बनाई गई थी, इसे फ्रांस में बनाया गया था।
कलॉसीम, इटली
सम्राट टाइटस वेस्पासियन द्वारा 70 ईस्वी और 82 ईस्वी के बीच निर्मित, रोम में कोलोसियम दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित, प्राचीन एम्फीथिएटर है। इस इमारत को पूरा होने में 9 साल लगे। इस एम्फीथिएटर ने मौत की सजाएं और कई लड़ाइयां देखी हैं जिसके कारण इस संरचना के अंदर लगभग 400,000 लोग मारे गए थे। यह संरचना कई घटनाओं, शो, प्रतियोगिताओं का दर्शक रही है।
मचू पिच्चू , पेरू
खूबसूरत पहाड़ियों और चमचमाते घास के मैदानों के बीच बसा हुआ, इंका का खोया शहर, उर्फ माचू पिच्चू, 15वीं शताब्दी का है। दुनिया के सबसे आश्चर्यजनक सात अजूबों में से एक ये संरचना सूखी पत्थर की दीवारों से बनी हुई है। माचू पिचू की प्रमुख संरचनाओं में इंति वाताना, सूर्य का मंदिर और तीन खिड़कियों का कमरा शामिल है। शहर के निर्माण के लिए जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था, उनमें से कई का वजन 50 पाउंड से अधिक था, लेकिन कहा जाता है कि इन चट्टानों को पहाड़ तक ले जाने के लिए किसी भी पहिये का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
चिचेन इट्जा
दुनिया के सात अजूबों में शामिल चिचेन इट्ज़ा से माया संभ्यता जुड़ी है। यहां माया सभ्यता के बचे हुए अवशेष हैं जो कि यूकाटन पेनिनसुला पर बने हुए हैं। इस जगह पर कई पिरामिड, मंदिर खेल के मैदान और कॉलम बने हुए हैं। कई यात्रियों का कहना है कि चिचेन इट्ज़ा के स्थल अपनी असामान्य आवाज़ों के लिए जाने जाते हैं। अगर आप बॉल कोर्ट के एक छोर से एक बार ताली बजाते हैं, तो यहां कोर्ट के नौ जगहों से गूंज पैदा करती है।
पेट्रा , जॉर्डन
मानव निर्मित इस चमत्कार को गुलाबी रंग के बलुआ पत्थरों से बनाया गया था, जिसके कारण इसे रोज सिटी का नाम दिया गया है। पेट्रा जॉर्डन के सबसे क़ीमती आकर्षणों में से एक है। दुनिया के इस अजूबे में कई मकबरे और मंदिर हैं, जो राहगीरों द्वारा बेहद पूजनीय हैं।